Preet Singh Leave a comment “”सेवा करनी है तो, घड़ी मत देखो ! लंगर छ्कना है तो, स्वाद मत देखो! सत्संग सुनाना है तो, जगह मत देखो! बिनती करनी है तो, स्वार्थ मत देखो ! Copy