मैं भले ही वो काम नहीं करता जिससे खुदा मिले…
पर वो काम जरूर करता हूँ…जिससे दुआ मिले.’;..
इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही..
Related Posts
सुधरी_हे_तो__बस_मेरी_आदते…वरना__ मेरे__”शौक”……. वो तो आज भी तेरी औकात से ऊँचे हैं…!!!
पगली जितनी तेरे शरीर मे हड्डिया है, उससे जादा तो कोलेज मे सेट मुझसे लडकिया है.
आज के विचार दुसरो को सुनाने के लिए अपनी… आवाज ऊँची न हो.!! बस अपना व्यक्तित्व इतना ऊँचा हो… Continue Reading..
किसी भी मनुष्य कि वर्तमान स्तिथि को देखकर उसके भविष्य का उपहास मत उडाऔ . क्योकि . समय मे इतनी Continue Reading..
माना कि औरों के मुकाबले कुछ ज्यादा पाया नहीं मैंने, पर खुश हूँ कि स्वयं को गिराकर कुछ उठाया नहीं Continue Reading..
कीमत क्या हैं हमारी, उसे मालूम नहीं , उसकी ख्वाहिश है कि हम मुफ्त में हासिल हो जायें।|
क्यूँ मरते हो यारे बेवफा सनम के लिए दो गज जमीन भी नसीब ना होगी तेरे बदन के लिए ¤ Continue Reading..
पानी फेर दो इन पन्नों पे, ताकी धुल जाये स्याही सारी.. जिन्दगी फिर से लिखने का मन होता है कभी-कभी..!!