बहुत सौचकर आज खुद से ये सवाल किया मैने, . . ऐसा क्या है मुझमे के लोग मुझसे वफा नही करते… .
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ना पा सका उसे, यू सारी ‘उम्र’ चाहकर, कोई’ ले गया उसे, कुछ ‘रस्मेँ’ निभाकर.
ye dil bhi kiya ajeeb cheez hai… wahan hi jhukta hai jahan qadar nahi hoti
दोस्त : यार ये शादी का क्या मतलब होता हे ? पप्पू : धूमधाम से खुद की सुपारी देना ……?
बना के “ताजमहल” एक दौलतमंद आशिक ने….. “गरीबों” की मोहब्बत का तमाशा बना दिया।।
तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें देदू, मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते हैं.
तू मोहब्बत है मेरी इसीलिए दूर है मुझसे… अगर जिद होती तो शाम तक बाहों में होती
सिखा दिया दुनिया ने मुझे अपनो पर भी शक करना मेरी फितरत में तो गैरों पर भी भरोसा करना था..!!
-Mohabbat Ko Azmana Haii Toh Bas Itna Hii Kaffii Haii Zara Rooth Kar Dekho Kon Mananey Aata Haii .. ‘