Tumhain tarteeb dy raha hon main, Mery andar bikhar gaye ho tum…!!!
दामन को फैलाये बैठे हैं अलफ़ाज़-ए-दुआ कुछ याद नही माँगू तो अब क्या माँगू जब तेरे सिवा कुछ याद नही!!
यहाँ मेरा कोई अपना नहीं है….. . …..चलो अच्छा है कुछ ख़तरा नहीं है !!
तुम्हारा जिक्र ,तुम्हारी फिक्र, तुम्हारा एहसास… तुम खुदा नहीं फिर, हर जगह मौजूद क्यों हो
‘ज़िन्दगी में ज़िन्दगी से हर चीज़ मिली, मगर उनके बाद ज़िन्दगी न मिली !!’
काश कि कयामत के दिन हिसाब हो सब बेबफाओँ का , और वो मुझसे लिपट कर कहे कि,मेरा नाम मत Continue Reading..
koi apna nhi hota ye bhi apno ne hi sikhaya h
सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें , इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना ।
तू रूठा रूठा सा लगता है कोई तरकीब बता मनाने की मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा तू क़ीमत बता मुस्कुराने Continue Reading..
Koleti
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