कितना समेटे खुद को बार बार, टूट के बिखरने की भी सीमा होती है ||
यूँ गुमसुम मत बैठो पराये से लगते हो, मीठी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही कर लो…!!
मंजिलो पर जाकर साथ छोडते तो कोई बात न थी गुमराह कर गया मुझे तेरा यूँ बीच राह में छोड Continue Reading..
शौक से बदल जाओ तुम मगर ये ज़हन मैं रखना की…… हम जो बदल गये तो तुम करवटें बदलते रह Continue Reading..
मौहब्बत की मिसाल में,बस इतना ही कहूँगा । बेमिसाल सज़ा है,किसी बेगुनाह के लिए ।
मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए, बस एक बार आ जा, अपनी यादें वापस ले जाने के लिए..!!
हम क्यों ग़म करें गर वो हमें ना मिले.. अरे ! ग़म तो वो करें जिसे हम ना मिले…
वो जो मुझे हँसते हुए देख कर खुश समझते हैं , वो अभी मुझे समझे नहीं।
न गवाह मिलते है न लाशें मिलती हैं इसलिये लोग बेख़ौफ़ एहसासों का क़त्ल कर देते हैं
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