कितना समेटे खुद को बार बार, टूट के बिखरने की भी सीमा होती है ||
तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ। यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता हैं…!!
~Terey Baad Nazar Aati Nahi Mujhe Ab Koi Manzil, Kisi Aur Ka Ho Jana Ab Merey Bas Mein Hi Nahi Continue Reading..
तुम्हारा जिक्र ,तुम्हारी फिक्र, तुम्हारा एहसास… तुम खुदा नहीं फिर, हर जगह मौजूद क्यों हो
हमने कहाँ आज कुछ मीठा बनाओ उन्होंने ऊगली अपने होठो पर रख दी !
यूँ तो कोई शिकायत नहीं मुझे तेरे आज से, मगर कभी – कभी बिता हुआ कल याद आता है..
भूखा पेट,खाली जेब और झूठा प्रेम इन्सान को जीवन मे बहुत कुछ सिखा जाता है
मेरे दर्द को रोज सुनते हो आप, आज आप कुछ लिखो मैं सुनूंगा
हर एक शख्स ने अपने अपने तरीके से इस्तेमाल किया हमें… और हम समझते रहे लोग हमें पसंद करते हैं Continue Reading..
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