तकदीर इतनी भी बुरी नहीं थी, पर कुछ रिश्तों ने नरक बना दी जिंदगी को
मेरे विचार से झूठा वादा करने से विनम्र इन्कार करना अच्छा है
सुनो एक फ़िक्र, किसी का #ज़िक्र साथ ले जाऊँगा थोड़ा #हँसा, तो कुछ पल रुला के चला #जाऊँगा
कसूर तो बहुत किए हमने जिंदगी में❣ सजा वहां मिली❣ जहां हम बेकसूर थे
itna na yad aao ki rat bhar so na sake, subhe ko surkh ankhon ka sabab puchte hai log.
शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में, जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।
कल जिनकी खातिर तोड दी थी हमने सारी हदे आज उन्होने ही कह दिया जरा हद मे रहा करो
कामयाब होने के लिए अकेले ही आगे बढ़ना पड़ता है, लोग तो पीछे तब आते है, जब हम कामयाब होने Continue Reading..
अगर बेवफाओं की अलग ही दुनिया होती तो, मेरे वाली…कमीनी…वहाँ की रानी होती
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