कितनी बुरी आदत है ना मेरी….* *बहुत जल्दी भरोसा कर लेता हूं लोगो पर
तेरी यादें हर रोज़ आ जाती है मेरे पास, लगता है तुमने बेवफ़ाई नही सिखाई इनको..!
Apni yaadon se kaho ek din ki chutti de mujhe… Ishq ke hisse mein bhi itwaar hona chahiye..
तुम्हारे एक लम्हें पर भी मेरा हक नही ना जाने तुम किस हक़ से मेरे हर लम्हें मैं शामिल हो
पतंग सी हैं जिंदगी, कहाँ तक जाएगी..! रात हो या उम्र, एक ना एक दिन कट ही जाएगी.
जिनके मिलते ही… ज़िन्दगी में ख़ुशी मिल जाती है … वो लोग जाने क्यों… ज़िन्दगी में कम मिला करते है…!!
चलो मान लेता हुँ कि मुझे महोब्बत करनी नही आती . पर यह तो बता तुझे दिल तोडना किसने सिखाया
राहों का ख़याल है मुझे.. मंज़िल का हिसाब नहीं रखती। अल्फ़ाज़ दिल से निकलते है.. मैं कोई किताब नहीं रखती।।
दिल मेरा भी कम खूबसूरत तो न था,⁉ मगर मरने वाले हर बार सूरत पे ही मरे !!
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