कितनी बुरी आदत है ना मेरी….* *बहुत जल्दी भरोसा कर लेता हूं लोगो पर
बहुत सोचा कि अब बात ही नही करूँ तुमसे, फिर सोचा झगड़ा किससे करूँगा |
यूँ तो मुक्कमल कर दिया है मुझे इश्क़ ने तेरे.. पर तक़दीर के चलते रह गए ज़िन्दगी के कुछ पन्ने Continue Reading..
दिल पे लगे वैसे तो घाव बहुत है एक तेरा बिछड़ना खामोश कर गया….
ऐ खुदा हिचकियों में कुछ तो फर्क डालना होता अब कैसे पता करूँ कि कौनसी वाली याद कर रही है
Meiin Woh Shaam Nahi Jo Guzar Jaugii, Hoon Sard Si Raat Meiin Guzarugii Lekiin Thehar Thehar Kay ..
सुनो, उसको बता देना की जो उस पर मरती थी न वो मर गयी है
ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते हे. –
निग़ाहों में अभी तक दूसरा कोई चेहरा ही नहीं आया.. !! भरोसा ही कुछ ऐसा था,तेरे लौट आने का…!!
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