मेला लग जायेगा उस दिन शमशान मे,
जिस दिन मे चला जाँऊगा आसमान मे
मुझे सिर्फ इतना बता दो….इन्तजार करु….. या बदल जाऊ मै भी तुम्हारी तरह….
~ Badaltey Mausam Aur Badaltey Log Boht Takleef Detey Haii .. ‘
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा ग़ालिब.. चाँद कहता रह गया, मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ
कितना अच्छा होता…तुम जो मतलबी होते… और तुम्हें सिर्फ….मुझसे ही मतलब होता…
शतरंज का खेल हम खेलते नही क्योकि दुशमनो को हम अपने सामने बैठाते नही और दोरतो के साथ हमे चाल Continue Reading..
-Qafiila Khushbuon Ka Guzra Haii Tum Kahin Aas Paas Ho Shayad .. ‘
लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है.. मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की.!
देख तेरी आँखे भी कमाल करती हैं, मुझ से पर्सनल_पर्सनल सवाल करती हैं..!
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