कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये
खाना बना रही थी ना इसलिए गरम हूं, ये केहकर एक माँ ने अपना बुखार छूपा लिया.
होंठों की हँसी को न समझ हकीकत-ए-ज़िंदगी, दिल में उतर कर देख कितने टूटे हुये हैं हम!
मेरे लफ़्ज़ों से न कर मेरे क़िरदार का फ़ैसला।। तेरा वज़ूद मिट जायेगा मेरी हकीक़त ढूंढ़ते ढूंढ़ते।
क्या करामात है कुदरत का जिन्दा इँसान पानी मे डुब जाता है और मुर्दा तैर के दिखाता है
Jisy Khud sy hi nahi fursatein, jisy khyal apnay jamal ka… Usey Kya Khabar mery shoq ki , usy kya Continue Reading..
तू रूठा रूठा सा लगता है कोई तरकीब बता मनाने की मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा तू क़ीमत बता मुस्कुराने Continue Reading..
मोहब्बत में हमेशा अपने आप को बादशाह समझा हमने मगर एहसास तब हुआ जब किसी को माँगा फकीरों की तरह
Chala Kya Chand,,, Dekho Sogaye Saare Sitaare Bhi Ab To Aja O Neendh, Adhure Hai Kuch Khwab Hamare Bhi !!
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