मैं मानता हूँ खुद की गलतियां भी कम नहीं रही होंगी मगर बेकसूर उन्हें भी कहना मुनासिब नहीं
Related Posts
अपना परिचय अगर खुद देना पड़े, तो समझ लीजिये कि सफलता अभी दूर है..!
~ Aa Dekh Mujh Se Roothne Wale K Tere Bagair Din Bhi Guzar Gaya Meri Shab Bhi Guzar Gayi .. Continue Reading..
मेरा वक़्त बोला मेरी हालत को देख कर, मैं तो गुजर रहा हूँ तू भी गुजर क्यों नहीं जाता.
हां हो रही है हलचल फिर से एक बार इस खामोश जिदंगी मे…. कोई बता दो कि की खुश़ीया आएगी Continue Reading..
कुछ दोस्त भी अजीब होते है। पढ़ते सब है लिखते कुछ नही
Ruke to chaand, chale to hawaaoon jaiaa hai Woh shakhs dhoop me dhekhoo to chaaon jaisa hai
एक से टूटा तो दूसरे से जोड़ लेते हैं, आजकल रिश्ते भी वाई फाई के नेटवर्क की तरह हैं.
सोच रहा हूँ कुछ ऐसा लिखू की वो पढ़ के रोये भी ना और रातभर सोये भी ना..|• manjeet kherki….