मैं मानता हूँ खुद की गलतियां भी कम नहीं रही होंगी मगर बेकसूर उन्हें भी कहना मुनासिब नहीं
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~Jisam Chune se Mohabbat Nahi Hotii Yeh Woh Jazba Hai Jisay Emaan Kehtey Hain .. ‘
ये शहर आजकल वीरान पड़ा है, सुनने में आया है कि, उनकी पायल खो गयी है।
मेरी कोशिश हमेशा से ही नाकाम रही पहले तुजे पाने की अब तुजे भुलाने की.
वो हमसे पूछते है की ख्वाबो में किसे देखते हो, और हम है की कई उमर से सोए ही नहीं।
सारी उम्र मैं जोकर सा बना रहा, तेरे पीछे जिंदगी सर्कस हो गयी।
हम आते हैं महफ़िल में तो फ़कत एक वजह से, यारों को रहे ख़बर कि अभी हम हैं वजूद में..”
खुदा कि बंदगी कुछ अधुरी रह गयी, तभी तेरे मेरे बीच ये दूरी रह गयी.
-PagalPan Kii Saarii Lakeeren Mere Haath Mein Kyu? Jiisko Chahun Mein Hi Chahun Meiin Hi Chahun Kyu?