हम सा काहिल न मिलेगा कहीं खुद ख्वाहिशें हमसे तंग सजन
Yeh Aansuon Kii Zaqat Mujh Pey Hi Kyu, Woh Bhii Toh Kuch Adaa Karey Mohabbat Usey Bhii Thii ..
यूँ तो कोई शिकायत नहीं मुझे तेरे आज से, मगर कभी – कभी बिता हुआ कल याद आता है..
-Nahii Tumse Koii Shikayat Bas Itnii Si Iltiija Haii Jo Haal Kar Geyy Ho Kabhi Aa Ke Dekh Jana .. Continue Reading..
*खामोशी से बनाते रहो पहचान अपनी..* *हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएगी नाम तुम्हारा..!!*
डब्बे मे डब्बा डब्बे मे ब्रश उसकी ठरकी ज़िंदगी है , हर हफ्ते नया क्रश
मुझे सिर्फ इतना बता दो….इन्तजार करु….. या बदल जाऊ मै भी तुम्हारी तरह….
“झुठ बोलकर तो मैं भी दरिया पार कर जाता, मगर डूबो दिया मुझे सच बोलने की आदत ने…””
जाते-जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया उम्र भर ना दोहरा पाऊ ऐसी कहानी दे गया।
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *