बेकसूर कोई नहीं इस ज़माने मे, बस सबके गुनाह पता नहीं चलते.
तुम्हारा जिक्र ,तुम्हारी फिक्र, तुम्हारा एहसास… तुम खुदा नहीं फिर, हर जगह मौजूद क्यों हो
Diye hain zindagi ne zakhm aese, . Ke jin ka waqt bhi marham nahin hai “
~Terii Soorat Ko Jab Sey Dekha Haii, Merii Aankhon Pe Log Martey Haiin Tab Sey .. ‘
~Toot Kar Chubh Raha Hai Aankhon Main, Aaina To Nahi Tha Khawab Mera .. ^
बड़ी चालाक होती है जिंदगी हमारी रोज़ नया कल देकर, उम्र छीनती रहती है
सूखे होठोँ से ही होती है मीठी बाते प्यास बुझ जाए तो अलफाज और इंसान दोनो बदल जाते है
SuN0…! HaR R0z RuLAa DeTy Ho0… KiSi K DaRd Sy, DaRd NaHi H0ta TuMhAin…?
क्यु नाराज होते हो , मेरी इन नादान हरकतों से , कुछ दिन की जिंदगी है ,फिर चले जायेंगे ,तेरी Continue Reading..
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *