बुराई को खत्म करने निकले तो अच्छाई चार कदम ओर आगे निकल गई…
कौन कहता है …, रब नज़र नहीं आता वही नज़र आता है.., जब नज़र कुछ नहीं आता….
~Maloom Hota Haii Bhool Gey Ho Shayad, Yaah Phiir Kmaal Ka Sabar Rakhtey Ho .. ‘
कौन कहता है कि दिल सिर्फ सीने में होता है उसको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है..!
पढ़ रहा हूँ मै इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों…… ग़र बन गया वकील तो बेवफाओं की खैर नही – v
~Wafaon Se Mukar Jana Hamein Aya Nahi Ab Tak Jo Waqif Na Hon Chahat Se Hum Un Se Zidd Nahi Continue Reading..
तुझे पाने की चाह में इतना कुछ खोया है, की अब तू मिल भी जाए तो भी अफ़सोस होगा।
न जाने कैसी दिल्लगी थी उस बेवफा से, के मैंने आखिरी ख्वाहिश में भी उसकी वफ़ा मांगी…
वो तो हम जैसे शायरों ने लफ़्ज़ों सेसजा रखा है… वरना मोहब्बत इतनी भी हसीं नहीँ होती…
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