जो मेरी आँखो मे पलको पे रहता था, आज काजल लगाया तो बहुत याद आया।
जमाना कहता है रात को नींद अच्छी आती है, मेरी नींदों में तो तेरी यादें ही शोर मचाती है !!
सुनो, उसको बता देना की जो उस पर मरती थी न वो मर गयी है
सांपो के मुक्कदर में.. वो जहर कहाँ, जो आजकल इन्सान सिर्फ बातों मे ही उगलतें है।
इश्क में तेरे मरने का इरादा नहीं…..! प्यार है तुमसे पर जिन्दगी से ज्यादा नहीं.!! 🙂
बना के “ताजमहल” एक दौलतमंद आशिक ने….. “गरीबों” की मोहब्बत का तमाशा बना दिया।।
वो वक्त गुजर गया जब मुझे तेरी मोहब्बत की आरझू थी, अब तू खुदा भी बन जाये तो में तेरा Continue Reading..
मन्दिर मस्जिद सी थी मोहब्बत मेरी, बेपनाह इबादत थी फिर भी एक न हो सके
कैसे सोऊ सुकून की नींद में साहब… सुकून से सुलाने वालों के तो शव आ रहें हैं..
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