Preet Singh Leave a comment ताऊ :- बिंदर की ताई उपर आजा घणी सोहणी हवा चालरी है … ताई :- बिंदर के ताऊ चुप्प चाल्ला सो ज्या मन्नैं बेरा तन्नैं आग लागरी सै … 😩 कवि समेंलण मैं भेजण जोग्गे होरे ये तो Copy