खोल के बैठा था मैं दूकान इश्क की …
गौर फरमाइएगा ..
खोल के बैठा था मैं दूकान इश्क की ..
आंदी जांदी छोरियां तै आंख मांरू था
पर भाई ये साले दुनिया वाले … रोंडी पिंवैं … मैं छेत गेरया … उन छोरियां तै दिखाण खात्तर ..
Related Posts
चौधरी से मेज़बान ने पूछा- चौधरी जी क्या लेंगे आप, हलवा लाऊं या खीर?? चौधरी – घर में कटोरा एक Continue Reading..
जज: तू तीसरी बार अदालत आया है, तने शर्म कोनी आती? आदमी: तू तो रोज़ आवे है, तने तो डूब Continue Reading..
लागै सै राहुल उर्फ पप्पू आलू तह सोना बणाण आली मशीन आपणे मामा कै तह लेकै आवैगा, जित्या पाछै
टीचर :- “आंधे की माक्खी राम हटावै” इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग करो , छात्र :- जी माणस बेसक Continue Reading..
टीचर :- अच्छा इसका अंग्रेजी में अनुवाद करो … ” रामस्वरूप बिमार था परिणाम स्वरूप मर गया ” पप्पी :- Continue Reading..
सुबह से लेके शाम तक … शाम से लेके रात तक … रात से फिर सुबह तक … सुबह से Continue Reading..
आज कल बयाह म छोरिया . . . . इंया डांस करे है…. . . जानें थ्रेसर म डूंखलिया कुदे Continue Reading..
जिंदगी ना होई मोबाईल की लीड होगी … जितना बी सुलझा कै सो ले , तड़की उलझी पावै ,