एक अस्सी साल के बुजरग नै बुढ़ापे के अकेले पण तै तंग आकै एक सत्तर साल की विधवा गैल ब्याह कर लिआ …
सुहागरात नै बेगम धोरै गया अर … उसका हाथ पकड़ कै सो ग्या …
दूसरी रात बी याए काम करया बुढ़िया का हाथ पकड़ कै सो गया …
तीसरी रात बी …
चौथी बी …
पांचवी रात हाथ पकड़न लाग्या तो बुढिया बोल्ली … आज मेरी तबियत कुछ ठीक नाहै जी … आज रैहण दो प्लीज