जरूरी नही हर ख्वाब पूरा हो… सोचा तो उसे ही जाता है जो अधूरा हो….”
मरना होता तो कबके मर गए होते तेरी यादों में हर रोज़ मरने का मज़ा कुछ अलग ही है
“मुझसे जब_भी मिलो तो नजरे उठा_के मिला_करो, मुझे_पसंद है अपने_आप को आपकी_आँखो मे देखना”
-Unse Kehdo Hamarii Sazza Kuch Kam Kardey, Hum Mujrim Nahii Bas Galti Se Ishq Hua Haii .. ‘
~Hum Ishq K Us Muqaam Par Khare Hain, Jahan Ankhe Kisi Aur Ko Dekhe To Gunah Lagta Hai .. ‘
किसी और का हाथ कैसे थाम लूँ…. वो तन्हा मिल गयी कभी तो क्या जवाब दूँगा…..!!
मुझे मालूम था के लौट के अकेले ही आना है, फिर भी तेरे साथ चार कदम चलना अच्छा लगा..
वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते.. कसूर हर बार गल्तियों का नही होता..
-Ek Muddat Se Waqt Khamosh Tha Aaj, Lamhe Fir Yoon Hi Kuch Kehne Lage .. ‘
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