उस शाम तुमने मुड़कर मुझे देखा जब… यूँ लगा जैसे हर दुआ कुबूल हो गयी
तुम्हारी ज़िद बेमानी है दिल ने हार कब मानी है कर ही लेगा वश में तुम्हें आदत इसकी पुरानी है.
Koi Ahsaan nahi kiya Tune meri Zindagi main aaker, Kyun KE Maine tuje Chaha ta Saare logon se Churaker…
दिन छोटे और रातें लंबी हो चली है ,मौसम ने यादों का वक़्त बढ़ा दिया।..
Kuch Tu SambhaaL k RaKhTay. MuJh Ko Bhi Kho Diya TuM Ne..
वो हमसे पूछते है की ख्वाबो में किसे देखते हो, और हम है की कई उमर से सोए ही नहीं।
-Suna Haii Ishq Ka Shoq Nahii Tumko Magar Barbaad Kmaal Ka Kartey Ho .. ‘
हवस का आलम तो देखिये हुजूर… संतरे भी दबा दबाकर खरीदते हैं
दुआ करो की..मैं कोई रास्ता निकाल सकूँ… तुम्हे भी देख सकूँ…खुद को भी सम्भाल सकूँ….
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