मेला लग जायेगा उस दिन शमशान मे,
जिस दिन मे चला जाँऊगा आसमान मे
माना की मरने वालों को भुला देतें है सभी. . . मुझे जिंदा भूलकर उसने कहावत ही बदल दी
अपनों की चाहत मे मिलावट थी इस कदर. मैं तंग आकर दुश्मनों को मनाने निकल गया..
ये अच्छा है कि अच्छा नहीं हूँ मैं…!!! . . चलो कोई दुखी तो नहीं होगा मेरे मरने पे…!!!
फिर से तेरी यादें मेरे दिल के दरवाजे पे खड़ी हैं वही मौसम, वही सर्दी, वही दिलकश ‘जनवरी’ है !!
Roz Khawabon K Jazeeron Me Nikal Jata Hun Tujh Se Milne Ki Nayi Raah Nikali Mene…
जो जिन्दगी आप अभी जी रहे है बहुत से लोगो के लिए अभी भी सपना है
एक तो कातिल सर्दी, ऊपर से तेरी यादो की धुंध, बेहाल कर रखा है इश्क मे मौसमो ने भी।….
Abi Tak Yaad Kr Rahy Ho ____ Pagal Ho Tum Qasam Sey. Us Ne To Tere Bad B Hazaron Bhula Continue Reading..
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