पसंन्द आया तो दिल में , नही तो दिमाग में भी नही ।
जुबान का वजन बहुत कम होता है लेकिन इसको बहुत कम लोग ही संभाल पाते है
खुद को बुरा कहने की हिम्मत नहीं इसलिए लोग कहते हैं”जमाना खराब है”..
~Kabhi Munasib Ho To Hum Se Bhi Hum-Kalam Hona Suna Hai Wafa Ki Batain Bohat Karte Ho .. ^
Jo Log Khamosh Mohabbat Kartey Haii, Woh Mohabbat Boht Kamaal Ki Kartey Haii ..
तुम्हारे हर सवाल का जवाब मेरी आँखों में था और तुम मेरी जुबान खुलने का इंतज़ार करते रहे।
आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें, सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!
हवस का आलम तो देखिये हुजूर… संतरे भी दबा दबाकर खरीदते हैं
मेरी दास्ताँ-ए-वफ़ा बस इतनी सी है, उसकी खातिर उसी को छोड़ दिया…
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