गुज़र रहा हूँ तेरे शहर से क्या कहूँ क्या गुज़र रही है.
ज़िन्दगी की हकीकत को बस इतना ही जाना है !. दर्द में अकेले हैं और खुशियों में सारा जमाना है
Kya mila unko hamari duniya chhod kar, Khud bhi tanha reh gaye humein tanha chord kar.
कौन कहता है की वक्त बहोत तेज है •• कभी किसीका इंतजार तो करके देखो..
अपनी मौत भी क्या मौत होगी ,, एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते !! :’)
दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले,, कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे नहीं.
वह मेरा वेहम था की वो मेरा हमसफ़र है। वह चलता तो मेरे साथ था पर किसी और की तलाश Continue Reading..
ज़िन्दगी में अपनापन तो हर कोई दिखाता है, पर अपना है कौन ये वक़्त बतलाता है।
बहन का प्यार है इसमें हिफाज़त का तक़ाज़ा भी, इसी रेशम के धागे पर कलाई नाज़ करती है।
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