कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये
इतना आसान नही जीवन का किरदार निभा पाना, इंसान को बिखरना पड़ता है रिश्तो को समेटने के लिए.
पहचान ना पाया तेरी हकीक़त को वक्त रहते। ये मेरी मोहब्बत थी या तेरे झुठ बोलने का हुनर
वादो से बंधी जंजीर थी जो तोड दी मैँने, अब से जल्दी सोया करेंगे , मोहब्बत छोड दी मैँने….
जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश कर ऐ इश्क़ हम तो अब तेरे काबिल नहीं रहे।
मैं रोज अपने खून का दिया जलाऊँगा, ऐ इश्क तू एक बार अपनी मजार तो बता
शिकवे तो बहुत है,मगर शिकायत नही कर सकते…!! मेरे होंठों को इजाजत नही है,तेरे खिलाफ बोलने कि !
जब_मिलो किसी से तो जरा_दूर का रिश्ता_रखना, बहुत_तङपाते हैँ अक्सर सीने से लगाने_वाले ।।
अगर कोई आप पर आँख बंद करके भरोसा करे तो आप उसे ये एहसास मत दिलाओ कि वह सच मे Continue Reading..
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