कितनी बुरी आदत है ना मेरी….* *बहुत जल्दी भरोसा कर लेता हूं लोगो पर
मुझे नफरत पंसद है मगर, दिखावे का प्यार नही!!
Thak gaya hun main dard chhupate chhupate, Aur log kehte hain main muskurata bahut hun
Tu ek bhi baar humse mili nahi warna, Tere hi dil ko tere hi khilaaf kar dete..!!
कुछ अधूरी सी है हम दोनों की जिंदगी, तुम्हें सुकून की तलाश है और मुझे तुम्हारी.
क्यूँ परेशान होते हो सबकी बातों से, कुछ लोग पैदा ही बकवास करने के लिये होते है !!
तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ। यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता हैं…!!
कितने ही दिल तोड़ती है ये फरवरी…, ..यूं ही नही बनाने वाले ने इसके दिन घटाये होंगे… )
तमन्ना थी सदा जिनके करीब रहने की❤ अब खुद ही उनसे बहुत दूर हुए जा रहा हूँ।
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