“मंजिल” भी उसकी थी.. “रास्ता” भी उसका था..
एक मैं “अकेला” थी बाकी “काफिला” भी उसका था..
..
साथ-साथ “चलने” की सोच भी उसकी थी..
फ़िर “रास्ता” बदलने का “फ़ैसला” भी उसका था..
Related Posts
उसे लगता है की उसकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आती मै बड़ी खामोशी से देखता हु उसको अपनी नजर से Continue Reading..
~Kabhi Munasib Ho To Hum Se Bhi Hum-Kalam Hona Suna Hai Wafa Ki Batain Bohat Karte Ho .. ^