“मंजिल” भी उसकी थी.. “रास्ता” भी उसका था..
एक मैं “अकेला” थी बाकी “काफिला” भी उसका था..
.. 😐😐
साथ-साथ “चलने” की सोच भी उसकी थी..
फ़िर “रास्ता” बदलने का “फ़ैसला” भी उसका था..
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मोह्हब्ब्त किसी से तब ही करना जब निभाना सिखलो .. मजबूरियों का सहारा लेकर छोड़ देना वफादारी नही होती.
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“लोग उस वक्त हमारी ‘कदर’ नही करते… जब हम अकेले होते हैं…! लोग उस वक्त हमारी ‘कदर’ करते हैं… जब Continue Reading..
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Dard kitne hain bata nahi sakto, Zakhm kitne hain dikha nahi sakti Aankhon se samajh sako to samajh lo, Aansoon Continue Reading..
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