वो मोहब्बत भी जहर बन जाती है….. अगर किसी को हद से ज्यादा चाहो……
मेरे ख़िलाफ़ बातें बड़ी ख़ामोशी से सुनता हूँ मैं, मैंने जवाब की ज़िमेदारी वक़्त को दे रखी है l
वो किताबों में दर्ज था ही नहीं, सिखाया जो सबक ज़िंदगी ने !!
अंदाजा लगाओ मेरी मोह्हबत का इस बात से ही. तुम्हारे नाम का हर शख्स मुझे अच्छा लगता है…!!
तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ। यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता हैं…!!
किसी और का हाथ कैसे थाम लूँ…. वो तन्हा मिल गयी कभी तो क्या जवाब दूँगा…..!!
आपको सिर्फ अपने आप को ढूँढने में मेहनत करनी है…!!! ;; ;; ;; ;; बाकि सब के लिए Google है
अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दो, कोई शिकायत होगी भी तो कह नहीं पाउँगा..!!
मेरी बरबादियों में तेरा हाथ है मगर……. में सबसे कह रहा हूँ ये मुकद्दर की बात है…
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