कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को, जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी
एक छोटी पेंसिल एक विशाल याद्दाश्त से कहीं बेहतर है
आँखों के अंदाज़ बदल जाते हैं जब कभी हम उनके सामने जाते हैं
~Kabhii Aaye Ga Use Bhi Mera Khayal, Shayad Yeh Bhi Mera Khayal Hy .. ‘
~Phiir Jab Meiin Uske Biina Jeeney Lagii , Usee Merii Kamii Mehsoos Hone Lagi .. ‘
वो जवानी ही क्या जिसे लोग पलट कर न देँखेँ
एक मशविरा चाहिए, ख़ुदकुशी करूं या इश्क..
मुकाम वो चाहिए मुझे, की जिस दिन भी हारु , . उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
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