इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी मुझे फिर से आज जीने की वजह मिल गयी
मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब… ये भी न सोचा के एक दिन अपनी साँस भी Continue Reading..
अधिक सीधा-साधा होना भी अच्छा नहीं होता है, सीधे वृक्ष सबसे पहले काट लिये जाते हैं।
तेरे चेहरे पे ये शिकन हमें मंजूर नही…!!! . . सुनों तुम खुश रहा करो मैं रहूँ न रहूँ…!!
ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते हे.
Glti meri hi thi vo pappi pappi mangti rhi or me kutte ka bachaa dhundta RHA……..
*खामोशी से बनाते रहो पहचान अपनी..* *हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएगी नाम तुम्हारा..!!*
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख मुझसे भी बुरे है लोग तू घर से निकलकर तो देख
कोई नहीं बचाकर रखना चाहता है यादें जान से प्यारे खत बेरुखी से जलने लगे हैं !!
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