बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा महोल्ला, 💗जब से डिग्रियाँ समझ में आई, पाँव जलने लगे
Related Posts
~Wafaon Se Mukar Jana Hamein Aya Nahi Ab Tak Jo Waqif Na Hon Chahat Se Hum Un Se Zidd Nahi Continue Reading..
Roz Khawabon K Jazeeron Me Nikal Jata Hun Tujh Se Milne Ki Nayi Raah Nikali Mene…
पूरा दिन गुजर गया और तुमने याद तक ना किया मुझे नहीं पता था की इश्क़ में भी इतवार होता Continue Reading..
आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर निशानी .. फिर चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखो का पानी।
जिँदगी से आप जो भी बेहतर से बेहतर ले सको ले लो क्योकि जिँदगी जब लेना शुरू करती है तो Continue Reading..
निकाल दिया उसने मुझे अपनी जिंदगी से भीगे कागज की तरह, ना लिखने के काबिल छोड़ा और ना जलने के Continue Reading..
अगर_शादी वाली फ़ोटो अपने पार्टनर को टैग करके फेसबुक पर नहीं डाली तो शादी मान्य नहीं होगी…
कौन कहता है …, रब नज़र नहीं आता वही नज़र आता है.., जब नज़र कुछ नहीं आता….
