छोटा सा सपना है मेरा, जो रोटी में खाऊ वो तू बनाये..
आँखों के अंदाज़ बदल जाते हैं जब कभी हम उनके सामने जाते हैं
सब मशरूफ थे नया साल मनाने में मैंने मेरी रूठी खुशियों को मना लिया..
! वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे.. ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं…..!!
मोहब्बत सिर्फ मोहब्बत चाहती है, किसीकी महेरबानी नहीं !!
सोचता हूँ बेच डालूं …. मेरे सब उसूल अब पुराने हो गए हैं !!
मेरे कंधे पर कुछ यूँ गिरे तेरे आंसू, कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गयी.!!
Ek baat Batao Agr Mai Na Rahu To Koi Kmi To nhi Hogi na
जिँन्दगी मे इतनी शिद्दत से निभाना अपना किरदार . के परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहे
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