“”कुछ तो रहम कर ए-संग दिल सनम, इतना तङपना तो लकीरों मे भी न था..
जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ”
जिंदगी अगर समझ ना आयी,तो मेले में अकेला, अगर समझ आ गई…….तो अकेले में मेला.
-Sun Kar Tamaam Raat Merii Dastaan’E-Gum, Bole To Sirf Ye Ki Bohot Boltii Ho Tum .. ‘
ख्वाहिश नहीं मुझे मशहूर होने की। आप मुझे पहचानते हो बस इतना ही काफी
जब तक आप अपने अतीत को याद करते रहेगे तब तक आप भविष्य की योजनाएँ नही बना पाएगे
” कितना मुश्किल है मनाना… उस शख्स को .. जो रूठा भी ना हो और… बात भी ना करे…!!
कुछ हसरतें अधूरी ही रह जायें तो अच्छा है … पूरी हो जाने पर दिल खाली सा हो जाता है…
Badi ajeeb se aaj kal Duniya ke mele hai, Doorr se dikhti to bheed hai par chalte sab akele hai..
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