एक छोटी पेंसिल एक विशाल याद्दाश्त से कहीं बेहतर है
कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को, जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ
मुकाम वो चाहिए मुझे, की जिस दिन भी हारु , . उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
छोड़ना आसान होता है लेकिन भूलना नही
मुझे महोब्बत है तेरे मन से.. न तेरी खूबसूरती से न लिबास से..
दाग़ तो रूह पर भी आ जाता है, जब दिलों में दिमाग़ आ जाता है
~Woh Matlab Se Miltey Haiin Aur, Hameiin Siirf Milney Se Matlab Haii .. ‘
ख्वाब मत बना मुझे सच नहीं होते, साया बना लो मुझे साथ नहीं छोडेंगे..!!
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *