अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी
~Woh Matlab Se Miltey Haiin Aur, Hameiin Siirf Milney Se Matlab Haii .. ‘
~Hum To Agaaz’E-Mohabbat Mein Hi Lutt Gy, Log Toh Kehte The Ke Anjaam Bura Hota Haii .. ‘
मेरे कंधे पर कुछ यूँ गिरे तेरे आंसू, कि सस्ती सी कमीज़ अनमोल हो गयी.!!
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
मार ही डाले जो बेमौत ये दुनिया वाले हम जो जिंदा हैं तो जीने का हुनर रखते हैं
शाख से फूल तोड़कर मैंने सीखा.. अच्छा होना गुनाह है, इस जहाँ में..!!
कोई नहीं बचाकर रखना चाहता है यादें जान से प्यारे खत बेरुखी से जलने लगे हैं !!
दाग़ तो रूह पर भी आ जाता है, जब दिलों में दिमाग़ आ जाता है
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