कभी झुकने की तमन्ना कभी कड़वा लहजा अपनी उलझी हुयी आदतों पे रोना आया
~सुनो बुरा ना मानो तो मै एक बात कहूँ .. मुझे तुम्हारी ज़रूरत है जिन्दगी के लिये .. ^
मर जाने के लिए थोड़ा ज़हर काफ़ी है, मगर जीने के लिए काफ़ी ज़हर पीना पड़ता है।
हजारो बार ली हैं तलाशियाँ तुमने मेरे दिल
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का.. बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ..!!
तेरी जगह आज भी कोई नहीं ले सकता , पता नहीं वजह तेरी खूबी है या मेरी कमी..!!
वहाँ तक तो साथ चलो ,जहाँ तक साथ मुमकिन है , जहाँ हालात बदल जाएँ , वहाँ तुम भी बदल Continue Reading..
Koi Taweez Aisi Do Ke Mai Hoshiyaar Ho Jaaon.. Bohot Takleef Deti Hai Mujhe Ye Saadgi Meri…
हमारी तो ज़ुबान भी इतनी बात नहीं करती •• जितनी तुम्हारी आंखें करती है
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