जब जरुरत के समय काम आने वाला पैसा बदल सकता है …. तो तू क्या चीज है…
~Tere Baad Kon Roky’Ga Humein, Hum Khud Ko Jee Bhar k Barbaad Karein’Gy .. ‘
..जब था तो बहुत पुख्ता था , एक शख़्स से रिश्ता…. ….टुटा है , तो अब टुकड़े संभाले नहीं जाते…
Meiin Woh Shaam Nahi Jo Guzar Jaugii, Hoon Sard Si Raat Meiin Guzarugii Lekiin Thehar Thehar Kay ..
तुम्हे क्या पता की किस दर्द में हूँ मैं, जो कभी लिया ही नहीं उस कर्ज में हूँ मैं
हमको इतना बुरा भी ना समझो तुम…! दर्द लिखने की आदत है देने की नहीं…..!
Kaam aisa karo ki naam ho jaye, ya phir, Naam aisa karo ki sunte he kaam ho jaye…!
काम ऐसा करो की नाम हो जाए । या फिर नाम ऐसा करो की सुनते ही काम हो जाए ।।।
ख़ुबसूरत था इस क़दर के महसूस ना हुआ,,,,,,,, कैसे कहाँ और कब मेरा बचपन चला गया
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