मैं भले ही वो काम नहीं करता जिससे खुदा मिले…
पर वो काम जरूर करता हूँ…जिससे दुआ मिले.’;..
इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही..
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बदलना चाहते हो तो शौक से बदलो पर याद रखना जब हम बदलेगे तो तुम करवटे बदलते रह जाओगे
कह दो किस्मत से न हम उसको पुकारेंगे कभी.. हम न हारे थे न हारे हैं न हारेंगे कभी….
रूठेंगे तुमसे तो इस कदर की, तुम्हारी आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी…