त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
स्कूल की बस रोज़ सुबह इमारत के नीचे हॉर्न बजाती है …. . . यूं लगता है जैसे…. ज़िन्दगी वापस Continue Reading..
~Lafzo’n Ki Banawat Mujhe Nahi Aatii, Tumse Pyar Haii Seedhi Si Baat Haii .. ‘
मुझे रिश्तो की लंबी कतारोँ से मतलब नही , कोई दिल से हो मेरा, तो एक शख्स ही काफी है..।
~Suno Tum Badl Gy Ho Kya Ya Tum Theyy Hi Aiise .. ‘
~Kheench Letii Haii Mujhe Unkii Mohabbat Har Bar, Warna Bohat Baar Mile The Unse Akhir Bar .. ‘
तन्हाई की सरहदें और भीगी पलके….!! हम लुट जाते हैं, रोज तुम्हें याद करके….!
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
शाख से फूल तोड़कर मैंने सीखा.. अच्छा होना गुनाह है, इस जहाँ में..!!
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