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जिस दिन जब मेरी मौत की खबर
मिलेगी तब लोग यही कहेंगे.,
बन्दा कभी मिला तो नही था लेकिन
पोस्ट अच्छी डालता था।



अपनी रोशनी की बुलंदी पर कभी न
इतराना
चिराग सब के बुझते है ,
हवा किसी की नही होती

मैंने खुदा से पूछा क्यों तू छीन लेता है
हमेशा “मेरी पसंद”
वो हंस कर बोला”मुझे भी पसंद है तेरी हर
पसंद”…!!!!

चलो आज करते हैं शेर-ओ-
शायरी का मुक़ाबला, तुम ले आओ मीर,
ग़ालिब, फ़राज़ की किताबें, मैं सिर्फ अपने
महबूब की तारीफ करूँगा…!


सिर्फ़ कुछ पल खुशियों के मांगे थे तेरे साथ
रब से,
इतना दिया जो उसने तो मेरी ख्वाहिशें
बढ गई…

असल मे वही जीवन की चाल समझता है
जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है


ताल्लुक अगर हो तो रूह से रूह का होना चाहिए
दिल तो अक्सर एक – दुसरे से भर जाया करते है


कल जिनकी खातिर तोड दी थी हमने सारी हदे
आज उन्होने ही कह दिया जरा हद मे रहा करो

ऐ खुदा !!!
मुसिबत मे डाल दे मुझको
क्योकि
किसी ने बुरे वक्त मे
आने का वादा किया है

बादशास की गली मे आकर कभी पता नही पूछा करते
.
गुलामो के झुके हुए सर खुदबखुद रास्ता बता देते है


असल मे वही जीवन की चाल समझता है
जो सफर की धुल को भी गुलाल समझता है


दिलों की बात करता है ज़माना
.
पर मोहब्बत आज भी चेहरे से शुरू होती है.

ताल्लुक अगर हो तो रूह से रूह का होना चाहिए
दिल तो अक्सर एक – दुसरे से भर जाया करते है


तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर
वरना
मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर

तुम रख ना सकोगे मेरा तोहफा सभालकर
वरना
मै तुमको अभी दे दु अपने जिस्म से रूह निकाल कर

शमा जलती है जिस आग मे नुमाईश के लिए
हम उसी आग मे गुमनाम से जल जाते है
जब भी आता है मेरा नाम तेरे नाम के साथ
जाने क्यो लोग मेरे नाम से जल जाते है