जिनकी नजरो में हम नहीं अच्छे ,
कुछ तो वो लोग भी बुरे होंगे ।।
अब मुझे फर्क नहीं पड़ता…
तुम्हारे फर्क पड़ने से..
साथ चलता है मेरे दुआओ का काफिला
.
किसमत से कह दो अकेला नही हुँ मै
तु बेशक अपनी महफिल मे हमे बदनाम करती है,
.
पर तुझे अनदाजा भी नही है कि
वो लोग भी पैर छुते है मेरे,
.
जिन्हे तु भरी महफिल मे झुक के सलाम करती है ණ
खेल ताश का हो या ज़िन्दगी का,
अपना इक्का तभी दिखाना जब सामने
वाला बादशाह निकाले ..
तू गया है इस बार तो
लौट के मत आना !!
अब तुझे पाने की वो चाह
खत्म सी हो रही है !!
उसने जाते हुए बड़े गुरूर से कहा “मुझे भुल
जाऔ”
हम भी दिल के नवाब है कह दिया ‘हो कौन
हो तुम’…..।।
Duniya Jo Bhi Samjhe Par Apna Ek Hi Asool Hai.
Jise Chaha Toot Kar Chaha,,,
Jise Chorra To muud
Kar Na Dekha…