मुझे मोहब्बत हैँ तुम्हारे जिस्म से,
ये ख्याल भी तुम्हेँ कैसे आया….
उस दिन लौट आना ऐ हसीन,
जब जिस्म का साथ छोङ दे तुम्हारा साया…..



लोग तो अपना बना कर छोड देते हैं,
कितनी आसानी से गैरों से रिश्ता जोड लेते हैं
हम एक फूल तक ना तोड सके कभी
कुछ लोग बेरहमी से दिल तोड देते हैं.

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अब
शायरी मेरी
मतलब मुहब्बत सिर्फ मैंने
ही नहीं की।

शमा जलती है जिस आग मे नुमाईश के लिए
हम उसी आग मे गुमनाम से जल जाते है
जब भी आता है मेरा नाम तेरे नाम के साथ
जाने क्यो लोग मेरे नाम से जल जाते है


कभी फुलो की तरह मत जीना
जिस दिन खिलोगे
टूट कर बिखर जाओगे
.
जीना है पत्थर की तरह जीयो
जिस दिन तराशे गए
“खुदा” बन जाओगे

बिन देखे तेरी तस्वीर बना सकता हूँ।
बिन मिले तेरा हाल बता सकता हूँ॥
है मेरे प्यार मे इतना दम
तेरी आँखो के आँसू अपनी आँख से गिरा सकता हूँ॥


अँधेरे मे रास्ते बनाना मुश्किल होते है।
तूफान मे दीपक जलाने मुश्किल होते है।
प्यार किसी से भी करना मुश्किल नही,
इसे बस निभाना मुश्किल होता हैं॥


खुदा प्यार सबको देता है..!!
दिल भी सबको देता है..!!
दिल में बसनें वाला भी सबको देता है..!!

but,

दिल को समझने वाला
नसीब वालों को ही देता है

Ek ajnabi se mujhe itna pyar kyon hai Inkaar karne par chahat ka ikraar kyo hai.
Use pana nahi meri taqdeer mein shayad Phir
har mod pe uska intezar kyon hai.

Har Jarr Re main Uska Noor Hai,
Tujj Ko Najer Na aye To kiska
KaSooR Hai


तमननाओ की महफिल तो हर कोई सजाता है
पर
.
पुरी उसी की होती जो तकदीर लेकर आता है


मुझे मोहब्बत हैँ तुम्हारे जिस्म से,
ये ख्याल भी तुम्हेँ कैसे आया….
उस दिन लौट आना ऐ हसीन,
जब जिस्म का साथ छोङ दे तुम्हारा साया…..

हर इंसान, बहुत कुछ पाना चाहता है
जो वह चाहता क्या वो मिल जाता है
.
जो मिले उसी में हीें खुश रहना सीखो
जो तुम्हे मिला, हर कोई नही पाता है


Phir Jaag Utha Hai Dil Mein,
Puraney Dino Ka Dard “MOHSIN”
JEE chahta Hai Ke Phir Koi
Taaza Ghazal Likhoon…

Unki tasvir ko seene se laga lete hai,
Is tarah judai ka gum mita lete hai,
Kisi tarah zikar ho jaye unka,
To hans kar bheegi palke jhuka lete hai..

जब प्यार किसी से होता है
हर दर्द दवा बन जाता है
क्या चीज मुहब्बत होती है
एक शख्स खुदा बन जाता है
ये लब चाहे खामोश रहें
आँखों से पता चल जाता है
कोई लाख छुपा ले इश्क मगर
दुनिया को पता चल जाता है
जब इश्क का जादू चलता है
सेहरा में फूल खिल जाता है
जब कोई दिवाना मचलता है
तब ताजमहल बन जाता है