Punjabi shyari Leave a comment “कोई हालात को नहीं समझता, तो कोई जज़्बात को नहीं समझता….. ये तो बस अपनी – अपनी समझ है…. कोई कोरा कागज़ भी पढ़ लेता है, तो कोई पूरी किताब नहीं समझता Copy