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शोर न कर धड़कन ज़रा,
थम जा कुछ पल के लिए;
बड़ी मुश्किल से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है!



वो न आए उनकी याद वफ़ा कर गई;
उनसे मिलने की चाह सुकून तबाह कर गई;
आहट दरवाज़े की हुई तो उठकर देखा;
मज़ाक हमसे हवा कर गई !

हँसना और हँसाना कोशिश है मेरी;
हर कोई खुश रहे, यह चाहत है मेरी;
भले ही मुझे कोई याद करे या ना करे;
लेकिन हर अपने को याद करना आदत है मेरी!

Muhabbat kesi bhi h0 Sahib…!
Sajda kerna sikha deti hai…!