सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो, मुझे भी अपनी जिद्द बना लो.!!
कुछ नहीँ था मेरे पास खोने को, जब से मिले हो तुम डर गया हूँ मैँ
जब नफ़रत करते करते थक जाओ..। तो एक मौका प्यार को भी दे देना।।.
कोई नहीं बचाकर रखना चाहता है यादें जान से प्यारे खत बेरुखी से जलने लगे हैं !!
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है.. हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
इतनी शिकायत , इतनी शर्तें , इतनी पाबन्दी, तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई !!
~Be’Bass Kar Diya Tu Ney Mujhey, Apney Bass Meiin Karke .. ‘
चलो मंजूर है तेरी बेरुखी मुझको बस इतना करो कि बेवफा मत होना
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