मै तुम्हारी वो याद हूँ.. जिसे तुम अक्सर भुल जाते हो…..
मुकाम वो चाहिए मुझे, की जिस दिन भी हारु , . उस दिन जीतने वाले से ज्यादा मेंरे चर्चे हो
सोचता हूँ बेच डालूं …. मेरे सब उसूल अब पुराने हो गए हैं !!
एक मशविरा चाहिए, ख़ुदकुशी करूं या इश्क..
मिट जाते है औरों को मिटाने वाले . लाश कहा रोती है, रोते है जलाने वाले
सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो, मुझे भी अपनी जिद्द बना लो.!!
मुझे रिश्तो की लंबी कतारोँ से मतलब नही , कोई दिल से हो मेरा, तो एक शख्स ही काफी है..।
हम जो तेरे बगैर ज़िंदा है, सब दिखावा है दुनिया के लिए !!
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
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