सुख मेरा, काँच सा था.. ना जाने कितनों को चुभ गया..!!
बस आख़री साँस बाकी है ,, तुम आती हो या मैं ले लूँ…
सब मशरूफ थे नया साल मनाने में मैंने मेरी रूठी खुशियों को मना लिया..
कभी तू नाराज़ कभी मैं नाराज़.. उफ्फ ये मोहब्बत उफ्फ ये अंदाज़…
~Woh Ab Lakhon Dilon Se Khelta Haii, . . Mujhe Pehchan Ley Itna Bohat Haii .. ‘
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
मुझे महोब्बत है तेरे मन से.. न तेरी खूबसूरती से न लिबास से..
छोटा सा सपना है मेरा, जो रोटी में खाऊ वो तू बनाये..
अपने Attitude का ऐसा अंदाज रखो जो तुम्हे ना समझे, उसे नजर अंदाज रखो…
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