~Jiski Sazza Sirf Tum Ho Aiisa Koii Gunaah Karna Hai Mujhe .. ‘
Mujhse agar nafrat karni hai to iraada pakka kar lo!! Zra si bhi chook hui to mohobbat ho sakti hai!!
सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे, लेकिन इस बार बेवफाई mai karunga.
आप अगर चाहो तो पूछ लिया करो खैरियत हमारी… कुछ हक़ दिए नहीं जाते ले लिए जाते हैं।।
Itna na sataya kar ke raat bhar na so sake hum, Subah ko surkh ankhon ka sabab pochte hain log
~अब भी रोज तुम्हारे स्टेट्स पर एक नजर मार लेता हूं,, ये सोच कर शायद तुमने मेरे बारे में भी Continue Reading..
तकलीफ कि इन्तेहा तो तब है, जब लोग जिंदा रहे और रिश्ते मर जाये…
राहों का ख़याल है मुझे.. मंज़िल का हिसाब नहीं रखती। अल्फ़ाज़ दिल से निकलते है.. मैं कोई किताब नहीं रखती।।
रोज़ ख्वाबों में जीता हूँ वो ज़िन्दगी … जो तेरे साथ मैंने हक़ीक़त में सोची थी
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *