Ek tera noor hi kaafi h.. Sare jhaa ki roshni k liye
~Bhool Kar Bhii Na Dena Kandha Mere Janazey Ko, Kahiin Phiir Ziinda Na Ho Jaon Tera Sahara Samajh Kar .. Continue Reading..
सोचता हूँ बेच डालूं …. मेरे सब उसूल अब पुराने हो गए हैं !!
इतना खुश रहो के साला गम बी कहे गलती से मे यहा कहा आ गया।
ღ अरे पगली मे तो तुझे तब से चाहता हुं., जब से तू School में दों चोटीया बांध कर आती Continue Reading..
~Gar Tum Jo Saath Aa Gey Hote, Ziindagi Har Tarah Se Mumkin Thi .. ‘
तन्हाई की सरहदें और भीगी पलके….!! हम लुट जाते हैं, रोज तुम्हें याद करके….!
~Suno Tum Badl Gy Ho Kya Ya Tum Theyy Hi Aiise .. ‘
शाख से फूल तोड़कर मैंने सीखा.. अच्छा होना गुनाह है, इस जहाँ में..!!
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