Ladki hai wo, Alarm nahi Pyaar karo usse, set nahi.
बस आख़री साँस बाकी है ,, तुम आती हो या मैं ले लूँ…
एम्बुलेंस सा हो गया है ये जिस्म, सारा दिन घायल दिल को लिये फिरता है।
चलो मंजूर है तेरी बेरुखी मुझको बस इतना करो कि बेवफा मत होना
~Gar Tum Jo Saath Aa Gey Hote, Ziindagi Har Tarah Se Mumkin Thi .. ‘
काग़ज़ पे तो अदालत चलती है.. हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।
“काश कुछ लोग बेईमान नही होते , तो आज इतने लोग परेशान नही होते!”
अपने Attitude का ऐसा अंदाज रखो जो तुम्हे ना समझे, उसे नजर अंदाज रखो…
एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों, जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…
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