मोहब्बत दो लोगो की…. बातें सौ लोगो की…
लोगो के तो दिन आते है पर . हमारा तो जमाना आएगा
त्यौहारों के बहाने ही सही, रिश्ते तो घर लौट आते है…
मुझे रिश्तो की लंबी कतारोँ से मतलब नही , कोई दिल से हो मेरा, तो एक शख्स ही काफी है..।
कोई नहीं बचाकर रखना चाहता है यादें जान से प्यारे खत बेरुखी से जलने लगे हैं !!
एक मशविरा चाहिए, ख़ुदकुशी करूं या इश्क..
कट रही है ज़िंदगी रोते हुए, और वो भी तुम्हारे होते हुए…
जिँन्दगी मे इतनी शिद्दत से निभाना अपना किरदार . के परदा गिरने के बाद भी तालियां बजती रहे
-Ishq Kiiya Jo Us’se Phir Usko Aazmana Kya?
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