शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आपकी कमी सी है,
मोहब्बत में दूरियों से फर्क नहीं पड़ता मोहब्बत निभाने वाला सच्चा हो
!! वो अब भी आती है ख्वाबों में मेरे.. ये देखने की मैं उसे भूला तो नहीं…..!!
है एक शख़्स ऐसा भी, जो किश्तों में मार रहा है मुझे !!
चलो मंजूर है तेरी बेरुखी मुझको बस इतना करो कि बेवफा मत होना
साथ चलता है मेरे दुआओ का काफिला . किसमत से कह दो अकेला नही हुँ मै
पी लिया करते हैं जीने की तमन्ना में कभी, डगमगाना भी ज़रूरी है संभलने के लिए।
~Jaley Ka Ilaaz Burnol Se .. Jealousy Ka Ilaaz Chitrol Se .. ^
~ बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का सारी उम्र गुजर गयी मरते – मरते .. ^
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