शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आपकी कमी सी है,
~Bhool Kar Bhii Na Dena Kandha Mere Janazey Ko, Kahiin Phiir Ziinda Na Ho Jaon Tera Sahara Samajh Kar .. Continue Reading..
क्यों याद करेगा कोई बेवजह मुझे ऐ खुदा , लोग तो बेवजह तुम्हे भी याद नहीं करते !!”
लोग आँसुओं मे पढ़ते थे नाम तेरा.. इसीलिए हमने रोना छोड़ दिया.. :)) –
अंत में लिखी है दोनों की बर्बादी, आशिक़ हो या हो आतंकवादी
मै और मेरा रब्ब रोज भूल जाते है वह मेरे गुनाहो को मै उसकी रहमतो को
~Sochti Hun Kabhi Utar Keh Daikhun Us Keh Dil Mein, Kon Basa Hai Us Mein Jo Mujhe Basne Nahii Deta Continue Reading..
रात तो क्या पूरी जिन्दगी भी जाग कर गुजार दूँगा तेरे खातिर ।।।
मेरे साथ बैठ कर वक़्त भी रोया एक दिन बोला बन्दा तू ठीक है मैं ही ख़राब चल रहा हूँ
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